"परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह में होकर जोतने और बोने का महीना"
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PROPHET ANUP PURTY
परमेश्वर में मेरे प्रिय लोगों, इस 2024 जून के महीने में, मैं आप सभी का प्रभु यीशु मसीह के अदभुत नाम में स्वागत करता हूँ, आइए हम सभी मिलकर सारी सृष्टि के परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह का धन्यवाद करें कि, वह अपने अनुग्रह के द्वारा हमें इस जून के नये महीने में ले पहुँचाया है, और ये सब उनके अपार प्रेम का ही प्रगटीकरण है, जो उन्होंनें हम से किया है, और अगर आपमें से हरेक कोई अपने जीवन में परमेश्वर के द्वारा आज के दिन तक किये गये भलाईयों के विषय विचार करेंगे तो आप आश्चर्यचकित रह जाएँगे और पाएँगे जैसा उनका सामर्थी वचन कहता है - "यहोवा ने हमारे साथ बडे-बड़े काम किये हैं ;और इससे हम आनन्दित हैं।" ( भजन संहिता 126:03)।
परमेश्वर के प्रिय लोगों, इस जून के महीने में भी परमेश्वर हमारे जीवन में और जीवन के हर एक क्षेत्रों में अदभुत कामों को प्रकट करने जा रहे हैं और इसके लिए उन्होंने अदभुत आशीषित वचनों को Revelation of Grace परिवार पर प्रकट किया है जो हमें मिलता है -
फिर इसहाक ने उस देश में जोता बोया ... उत्पति 26:12
परमेश्वर ने इस जून के महीने में हमें यही वचन क्यों दिए हैं?
हम सभी बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि, जोतना और बोना कितना महत्वपूर्ण है, विशेषकर हमारे इस भारत देश में जब अधिकतर किसान इसी महीने में खेतों को तैयार करके फसलों को बोना आरम्भ करते हैं, क्योंकि इसी भविष्यद्वक्ताई के महीने में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के ठहराए अनुसार बारिश भेजी जाती है, और उसके बाद प्रकृति में हरियाली वापस आते जाती है(और ये सब बातें यों ही नहीं हैं, परमेश्वर ने किसी भी बात को बहुत ही विशेष कारणों से ठीक उसी समय में रखा है या होने देता है)।
और हमारे चारों ओर होने वाली सभी बातों से परमेश्वर हमसे क्या बातें करना या सिखाना चाहते हैं यह बहुत महत्वपूर्ण बात है, क्योंकि यदि हम इन बातों पर गौर करें और परमेश्वर द्वारा प्रकृति को इस्तेमाल करके दिए गए विशेष संदेशों को, अपने जीवन में ग्रहण करें तो जैसा कि हम प्रकृति में हरियाली को देखने लगते हैं वैसे ही हमारे जीवन में भी उस तरह से हरियाली को देखते चले जाएँगे, जैसा कि वचन कहता है जिस प्रकार वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहाँ यूं ही लौट नहीं जाते, वरन भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं... (यशायाह 55:10)।
तो वचन उत्पत्ति 26:12 कहता है- इसहाक ने जोता बोया...
इसहाक ने कब जोता बोया?
भयंकर अकाल के समय।
और इसहाक को क्या प्रतिफल मिला, हम सभी लोग अच्छी तरह जानते हैं (उत्पति 26:12 के आगे के वचनों में)।
और परमेश्वर ने हमारे बाइबल में इसहाक के विषय इसलिए बात करता है क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिए भी यही भाग ठहराया है, ताकि हम भी इसी तरह से आशीषों को पाएँ, लेकिन उन आशीषों को पाने के लिए इसहाक ने जोता और बोया...
आज उसी तरह संसार में और लोगों के जीवन के कई क्षेत्रों में कई तरह के अकाल जैसी परिस्थितियाँ दिखाई पड़ती है, और वह अकाल लोगों के जीवन में लम्बे समय तक बना रहता है क्योंकि वो जोत और बो नहीं रहे होते हैं, जैसे - व्यस्तता भरे जीवन में परमेश्वर के लिए समय नहीं दे पाना , परमेश्वर ने जो बल-बुद्धि, योग्यता, बहुमूल्य जीवन दिया है, उन सबको परमेश्वर के लिए इस्तेमाल नहीं कर पाना, हमारे जीवन में परमेश्वर ने जिन आशीषों को दिया है, घर-परिवार, आय के स्रोत आदि को परमेश्वर के लिए नहीं खोल पाना आदि।
और जब विश्वास से इन बातों के लिए हम खुद को एक निर्णय के साथ आगे लाते हैं, तो हम जोत रहे होते हैं और, जब हम खुद को और परमेश्वर के द्वारा दी गई बातों को परमेश्वर के लिए इस्तेमाल करने लगते हैं या होने देते हैं, तो हम उसे बो रहे होते हैं और इस तरह से जब हम में से हर एक परमेश्वर के वचन अनुसार (जैसा कि इसहाक को परमेश्वर का वचन प्राप्त हुआ था) इसहाक की तरह अकाल जैसे परिस्थितियों में भी जोते और बोते हैं तो, आगे वचन कहता है और उसी वर्ष में 100 गुना फल पाया; और यहोवा परमेश्वर ने उसको आशीष दी।
यकीन मानिए, आपके बाइबल में उत्पत्ति 26:12 में इसहाक के विषय में परमेश्वर ने जिक्र किया है, इसका अर्थ बिल्कुल साफ है कि इसहाक का जो भाग हुआ, वह आपका भी भाग है।
आइए प्रार्थना करें -
धन्यवाद परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह, इस जून के महीने तक आपके अनुग्रह से ले पहुँचाने के लिए और धन्यवाद अब तक के सारे उपकारों के लिए।
और धन्यवाद उत्पति 26:12 के अदभुत प्रतिज्ञा वचन को देने के लिए।
और आपसे इस अनुग्रह को ले लेता हूँ /लेती हूँ, कि अपने जीवन के हर एक बातों को जो आपने दिया है, उसे आपके लिए इस्तेमाल करने के द्वारा और भी अधिक आपके भलाईयों को अपने जीवन में प्राप्त करता जाऊँगा/जाऊँगी।
सारी आदर और महिमा आपको ही देता/देती हूँ , प्रभु यीशु मसीह आपके ही नाम में, आमीन।
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